और इसे प्रमुख त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। दिवाली पर गंगा स्नान के पश्चयात दीप दान करने का खास महत्व है।
पंचांग के अनुसार चतुर्दशी के बाद पूर्णिमा तिथि को देव दिवाली त्यौहार मनाया जाता है. यह राक्षस त्रिपुरासुर पर भगवान शिव की विजय प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
जानें कब है दीप दिवाली पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि 26 नवंबर को दोपहर 3:53 बजे शुरू होगी और 27 नवंबर 2023 को दोपहर 2:45 बजे समाप्त होगी।
देव दिवाली का शुभ समय, प्रदोष काल, देव दीपावली मुहूर्त शाम 05:08 बजे से होगा 26 नवंबर शाम 07:47 बजे तक. पूजा की अवधि 02 घंटे 39 मिनट रहेगी.
देव दिवाली मंत्र अत्रैव त्रिपुरोत्सव उक्तो भविष्य- पौर्णमास्यां तु सन्ध्यायां कर्तव्यस्त्रिपुर उत्सवः. दद्यादनेन मत्रेण सुदीपांश्च सुरालये. कीटाः
पतङ्गा मशकाश्च वृक्षा जले स्थले ये विचरन्ति जीवाः. दृष्ट्वा प्रदीप नहि जन्मभागिनस्ते मुक्तरूपा हि भवन्ति तंत्र.' इति . अत्र पौर्णमासी संध्याकालव्यापिनी ग्राह्या पूर्वोक्तभविष्यवाक्ये सध्यायामित्युक्तेः.